Retailer Meaning in Hindi | रिटेलर किसे कहते हैं और क्या है?

आज हम आपको बताने वाले  है Retailer का मतलब क्या होता है| Retailer का हिन्दी फुटकर व्यापारी होता है | रिटेलर जो एक अंग्रेजी शब्द है, रिटेलर का मतलब ग्राहक को उचित मूल्य पर समान को खरीदना या बेचना होता है | Retailer जो एक छोटे से दुकान का मालिक होता है | जिसका काम होता है अपने ग्राहकों को कैसे मुनाफा और उचित मूल्य पे समान को बेचना है | रिटेलर का मतलब दुकान और दुकानदार से होता है |

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Retailer का मतलब होता है थोक व्यापारी से कम मूल्य पे समान को खरीदना और अपनी ग्राहक को उचित मूल्य से कुछ मुनाफा को देखकर बेच देना | रिटेलर वह होता है जो एक छोटे से दुकान को चलाता है जैसे की खिलौने की दुकान ,साइबर कैफे ,मोबाईल की दुकान,Telcom,Money Transfer shop और अंडे की दुकान ऐसी बहोत सी दुकाने है |

Retailer का दूसरा नाम क्या है?

रिटेलर का दूसरा नाम खुदरा विक्रेता होता है | Retailer का दूसरे नाम से संबंधित समानार्थक शब्द है जैसे की बैंकर, व्यापारी ,तस्कर विक्रेता आदि |

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Retailer का उपयोग क्या क्या है?

रिटेलर अपना माल थोक भाव में थोक में खरीदकर अपनी दुकान में रखता है तथा अपने माल की कीमत बढ़ाकर अपने ग्राहकों को आकर्षित करता है तथा उन्हें अपना माल स्वयं बेचता है। हम अपना सारा सामान खरीदते हैं और उन्हें अपनी दुकान में स्टॉक में रखते हैं और उन्हें ऑनलाइन भी बेचते हैं और एक रिटेलर से उम्मीद करते हैं कि वह ग्राहकों को अच्छी सेवाएं प्रदान करेगा।

Retailer का मुख्य कार्य क्या है?

Retailer का मुख्य कार्य यह है कि वह अपनी दुकान कैसे चलाता है, वह ग्राहकों को कैसे संभालता है, वह उपभोक्ताओं को अपने उत्पाद कैसे बेचता है। जब कोई उपभोक्ता  सामान खरीदने के लिए दुकान पर आता है, तो खुदरा विक्रेता का रवैया ग्राहक के प्रति कैसा होता है।

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रिटेलर एक व्यापारी होता है जिसे हम अंग्रेजी में Merchant कहते हैं। रिटेलर भी एक व्यवसाय उद्यमी है जिसका मुख्य काम अपने ग्राहकों को सीधे वास्तविक कीमत पर सामान बेचना है और रिटेलर का मुख्य काम अपने ग्राहकों को सामान अपनी दुकान से डिलीवरी के रूप में बेचना है।

Retailer Businesses कितने प्रकार के होते हैं?

अगर हम रिटेलर बिजनेस की बात करें तो रिटेलर बिजनेस तीन प्रकार के होते हैं:

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  1. स्टोर रिटेलिंग:- जिसमें ग्राहकों को उचित मूल्य पर सामान बेचना होता है।
  2. खुदरा व्यापार:- जिसमें दुकानदार अपने निर्धारित समय पर अपनी दुकानें खोलते हैं और अपने ग्राहकों को खुदरा सामान बेचते हैं।
  3. डिपार्टमेंट स्टोर:- जो अपने ग्राहकों को आकर्षित करते हैं और फिर दूसरे दुकान से अपना सामान अच्छे दामों पर बेचते हैं।

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